बिहार में BPSC भवन घेरने पहुंचे छात्रों पर लाठीचार्ज, पुलिस ने KHAN SIR को हिरासत में लिया
उत्तर प्रदेश में पीसीएस की परीक्षा में नार्मलाइलेशन सिस्टम लागू करने का नोटिस जारी होने के बाद विवाद हो गया था। शिक्षक और यूट्यूबर खान सर शुक्रवार को पटना के गर्दनीबाग में विरोध प्रदर्शन कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों में शामिल हुए। पुलिस ने प्रसिद्ध खान सर समेत सात को हिरासत में ले लिया और इसके बाद थाने में बांड भरवाकर छोड़ा।
उत्तर प्रदेश में पीसीएस की परीक्षा में नार्मलाइलेशन सिस्टम लागू करने का नोटिस जारी होने के बाद विवाद हो गया था। अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया था। इसकी वजह से यूपीपीसीएस परीक्षा एक ही दिन कराने का निर्णय लिया गया था। इसी तरह से अब बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों ने भी आंदोलन की राह पकड़ी है। शुक्रवार को लोक सेवा आयोग का घेराव करने पहुंचे दर्जनों छात्रों को पुलिस ने लाठीचार्ज कर नेहरू पथ (बेली रोड) से खदेड़ दिया।
शिक्षक और यूट्यूबर खान सर शुक्रवार को पटना के गर्दनीबाग में विरोध प्रदर्शन कर रहे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों में शामिल हुए। पुलिस ने प्रसिद्ध खान सर समेत सात को हिरासत में ले लिया और इसके बाद थाने में बांड भरवाकर छोड़ा।
बीपीएससी कार्यालय के आसपास अफरातफरी मची रही
पुलिस ने पहले छात्रों को प्रतिबंधित क्षेत्र में जमा होने से मना किया तो वे लोग आक्रोशित हो गए और हटने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इससे करीब एक-डेढ़ घंटे तक बीपीएससी कार्यालय के आसपास अफरातफरी मची रही। आयोग का घेराव करने पहुंचे छात्र नार्मलाइजेशन विधि से एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करने की मांग के लिए जुटे थे।
नार्मलाइजेशन से परिणाम जारी नहीं होगा
बीपीएससी अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने कहा कि आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि नार्मलाइजेशन से परिणाम जारी नहीं होगा, फिर भी कुछ शरारती तत्व अपने लाभ के लिए अभ्यर्थियों को भ्रमित कर नार्मलाइजेशन के विरोध में घेराव के लिए पहुंच गए। 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम पूर्व की तरह ही प्रकाशित किया जाएगा।
इधर, शास्त्रीनगर थाना अध्यक्ष ने बताया कि पुलिस ने लाठीचार्ज नहीं किया है। निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए प्रसिद्ध खान सर समेत सात लोगों को हिरासत में लिया गया था, बाद में बांड भरवाकर छोड़ दिया गया।
क्या है नार्मलाइजेशन विधि
पटना साइंस कालेज के सहायक प्राध्यापक प्रो. अशोक कुमार झा ने बताया कि एक ही परीक्षा जब अनेक प्रश्नपत्रों और पालियों में आयोजित की जाती है तो उसका परिणाम नार्मलाइजेशन विधि से तैयार किया जाता है। परिणाम प्रतिशत अंक के बजाए प्राप्त परसेंटाइल पर जारी किया जाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षा के परिणामों को समान स्तर पर लाना होता है।
कारण यह है कि जब एक से अधिक पालियों में परीक्षा होती है, तो हर पाली का प्रश्नपत्र थोड़ा अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को अधिक आसान या कठिन प्रश्नों का सामना करना पड़ता है। यह वैश्विक रूप से प्रमाणित विधि है।
देश में जेईई मेन, सीयूईटी, यूजीसी नेट, एसएससी, आरआरबी आदि का परिणाम नार्मलाइजेश विधि से ही जारी होता है। अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने की स्थिति में एक से अधिक पाली और तिथि में परीक्षा आयोजित करना परीक्षा एजेंसियों की मजबूरी है और जब एक से अधिक प्रश्नपत्र से परीक्षा होगी तो परिणाम के लिए नार्मलाइजेशन विधि ही सभी अपनाते हैं।
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