‘चार धाम यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर लगे पूर्ण प्रतिबंध’
उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्वामीनारायण घाट पर आज तक के धर्म संसद का मंच सजा. धर्म संसद के ‘देवभूमि की महिमा’ सेशन में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि, ऋषिकेश के जगन्नाथ धाम के महंत लोकेश दास और साध्वी जया भारती ने शिरकत की. स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने उत्तराखंड को देवभूमि कहे जाने की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला. महंत लोकेश दास ने चार धाम यात्रा के आध्यात्मिक और सामाजिक पहलुओं की चर्चा की. साध्वी जया भारती ने कहा कि तीर्थयात्राओं को लेकर अब लोग पहले से प्लान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अध्यात्म से जुड़ी परंपराएं हमें अंदर की ओर जाने के लिए प्रेरित करती हैं.
स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने चार धाम यात्रा को लेकर सवाल पर कहा कि यह यात्रा जीव की आंतरिक शांति के लिए है. जो संसार में जीव की शांति के लिए सहज वातावरण मिलता है. इन तीर्थों का वातावरण जीव को समाधि, शांति की ओर ले जाता है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा जिस लिए होती है, वैसा वातावरण बनाने का प्रयास हो रहा है. तीर्थयात्रा में हिंदू आता है और हिंदुओं के लिए ही तीर्थयात्रा है. प्रबोधानंद गिरि ने कहा कि इस यात्रा में गैर हिंदू का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए. प्रयागराज महाकुंभ में गैर हिंदू के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध था. चार धाम यात्रा के मार्ग पर गैर हिंदू का प्रवेश प्रतिबंधित होना चाहिए.
‘चार धाम यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर लगे पूर्ण प्रतिबंध’,
पहलगाम हमले को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पूरे विश्व को संदेश है कि धरती पर हम शांति नहीं रहने देंगे. इसी के तहत यह हमला हुआ है. प्रबोधनानंद गिरि ने कहा कि जिसने भी हिंदुओं को समाप्त करने का प्रयास किया, वह इस धरती पर नहीं रहा. सनातन हमेशा रहने वाला है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जिस भी धाम पर जाएंगे, वहां आपको अलग दिव्यता दिखाई देती है. सभी धाम पर जाना चाहिए. चार धाम के अलावा भी देवभूमि में अनेकों तीर्थ स्थान हैं, वहां भी जाना चाहिए. ये देवभूमि पर्यटक स्थल नहीं है. यहां तीर्थाटन के भाव से आना चाहिए, पर्यटन बंद करना चाहिए. पर्यटन के भाव से आकर देवभूमि के स्वरूप को बिगाड़ने का प्रयास ना करें.
महंत लोकेश दास ने कहा कि जब सरकार मठ-मंदिरों में दखल देना चाहती है तो हम संतों को भी अधिकार दिया जाना चाहिए कि हम जब चाहें संसद में जाएं. अगर वह ऐसा कर सकते हैं तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला धर्म पर भी हमला है और चूक भी है. हमारे देश में पहाड़-प्लेन की लड़ाई हो रही है, भाषा के नाम पर लड़ाइयां हो रही हैं. हम जातियों में बंटे हैं. हमलावरों के लिए सभी काफिर हैं. हमें एकता में रहना चाहिए. महंत लोकेश दास ने कहा कि पानी बंद करने से कुछ नहीं होना. हमने हजारों करोड़ की राइफल क्यों खरीदी थी. हमें बदला चाहिए मोदी जी. तीर्थाटन और पर्यटन को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि जो जैसी भावना से आता है, उसे वैसा ही फल मिलेगा.
पहलगाम हमला एक चुनौती है- साध्वी जया भारती
जया भारती ने धर्म की परिभाषा बताई और कहा कि सनातन धर्म हमें शरीर नहीं, आत्मा मानता है. हिंदू कोई धर्म नहीं है, सनातनी होना है. चेतन को समझना और उसे जानने की प्रक्रिया में लगे रहना ही सनातन धर्म है. भारत की पहचान यही सनातन धर्म है. उन्होंने पहलगाम हमले पर कहा कि वहां इतने लोगों को मारा गया. हमारी कमजोरी है कि राजनीतिक हितों के लिए बांटा गया और हम बंटते चले गए. ये हमला एक चुनौती है. हमें एकजुट होना चाहिए. साध्वी जया भारती ने यह भी कहा कि बाहर से आतंकी हमला होता है, कट्टरपंथी अंदर भी तैयार बैठे हैं. जो मुर्शिदाबाद में हुआ, बाहर के लोगों ने नहीं किया.
उन्होंने कहा कि हिंदुओं ने इस सरकार को इसीलिए चुना क्योंकि वे सुरक्षा चाहते थे. सरकार को अब कुछ ऐसा करना चाहिए जो हिंदुओं को आश्वस्त करे कि वे सुरक्षित हैं और प्राथमिकता भी. रील के ट्रेंड को लेकर सवाल पर साध्वी जया भारती ने कहा कि अगर आप रील बना रहे हैं तो आपका उद्देश्य है कि हम वायरल हो जाएं, फॉलोवर्स बढ़ जाएं. जिसकी जैसी मंशा होगी, वह वैसा ही कंटेंट बनाएगा. हो सकता है कि आप रील बनाकर बहुत लोगों तक पहुंच जाएं. आपको सिर्फ लोगों तक पहुंचना है या उनके दिल में जगह बनानी है.