Happy Teej 2024
१०८ वीं बार माता पार्वती ने जब जन्म लिया तब श्रावण मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को भगवन शिव पति रूप में प्राप्त हो सके। तभी से इस व्रत का प्रारम्भ हुआ। इस अवसर पर जो सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव -पार्वती की पूजा करती हैं उनका सुहाग लम्बी अवधि तक बना रहता है। मान्यता है कि तभी से ही हरियाली तीज का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है उनकी तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया. इसलिए इस दिन को माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन के रूप में मनाया जाता है
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली या हरतालिका तीज मनाई जाती है. हरियाली तीज का व्रत 6 sep2024 को रखा जा रहा है. तीज के दिन सुहागिनें निर्जला व्रत करती हैं, और 16 श्रृंगार कर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इस व्रत को करने से सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती रहने का वरदान मिलता है.

Teej त्योहार का अर्थ क्या है?
तीज ( संस्कृत : तीज , रोमनकृत : तीज ), जिसका शाब्दिक अर्थ है “तीसरा“, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार अमावस्या के बाद तीसरे दिन को दर्शाता है, तीन हिंदू त्योहारों का संयुक्त नाम है जो मुख्य रूप से हिंदू देवताओं – मां देवी पार्वती और उनके पुरुष पति शिव को समर्पित है, जो मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं
Teej पर लोग क्या करते हैं
वे शिव, गौरी, गणेश और कार्तिकेय की छोटी मिट्टी की मूर्तियाँ बनाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। वे माँ पार्वती को फूल, माला, फल, मिठाई और 16 श्रृंगार की वस्तुएँ चढ़ाते हैं। फिर वे हरतालिका तीज कथा पढ़ते और सुनते हैं, और देवताओं को श्रद्धा अर्पित करते हैं।
तीज को हिंदी में क्या बोलते हैं?
हरतालिका व्रत को हरतालिका तीज या तीजा भी कहते हैं। यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र के दिन होता है। इस दिन कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियाँ गौरी-शङ्कर की पूजा करती हैं।
Teej में क्या पहनना चाहिए?
आपका हरतालिका तीज के दिन लाल रंग का साड़ी पहनना शुभ रहेगा. इस दिन अगर आप लाल रंग की साड़ी पहन कर भगवान शिव माता पार्वती की पूजा आराधना करते हैं, तो शुभकारीफल प्राप्त होगा दिन सुहागिनें निर्जला व्रत करती हैं, और 16 श्रृंगार कर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इस व्रत को करने से सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती रहने का वरदान मिलता है.
हरतालिका तीज में क्या क्या चढ़ता है?
हरतालिका तीज का व्रत देवी पार्वती ने शिव जी को अपने पति के रूप में पाने के लिए किया था। इसीलिए इस व्रत में सुहाग सामग्रियों का भी महत्व है। सुहाग की सामग्री में बिंदी, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी, बिछिया, काजल, चूड़ी, कंघी, महावर आदि को शामिल करें।
TEEJ का नियम क्या है?
यह एक निर्जला व्रत है यानी इस व्रत में किसी भी प्रकार से अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाया जाता है और ककड़ी या खीरा के साथ हलवे का भोग लगाया जाता है। 3. हरतालिका तीज पूजा में माता पार्वती को ककड़ी या खीरा के साथ हलवे का भोग लगाना अनिवार्य है
Teej में सरगी कब खाई जाती है?
हरतालिका तीज व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रिया से मुक्त होकर सरगी खाते हैं. सरगी में मिठाई, फल, सूखे मेवे आदि होते हैं. इसके अलावा पानी और चाय भी ग्रहण करते हैं. व्रती को सरगी सूर्योदय से पूर्व खाना होता है.
जानिए हरियाली तीज व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले राजा हिमालय की पुत्री पार्वती ने रखा था और इस व्रत के फलस्वरूप ही उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे. इसलिए कुंवारी कन्याएं भी एक अच्छे जीवनसाथी की कामना से हरियाली तीज का व्रत रखती हैं।
तीज में क्या नहीं करना चाहिए?
हरतालिका तीज के दिन पति को तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए. उस दिन शराब, मांस, मछली, लहसुन, प्याज आदि का उपयोग न करें.
क्या हम पीरियड्स के दौरान तीज का व्रत रख सकते हैं?
. क्या मासिक धर्म के दौरान व्रत रखना चाहिए? तीज का व्रत मासिक धर्म के दौरान भी किया जा सकता है और पूजा परिवार के किसी सदस्य की मदद से दूर से ही करनी होती है।
Full information about Teej: Click Here