The Palash NewsThe Palash News
  • अंतरराष्ट्रीय
  • आज का राशिफल
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • झारखंड
  • तकनीकी
  • ताजा खबर
  • पर्व/त्योहार
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • राँची
  • राजनीतिक
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • वीडियो
  • Banking & Finance
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • संपादकीय
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज
Notification Show More
Latest News
AFCAT
✈️ AFCAT 01/2026 Batch Recruitment – पूरी विस्तार से जानकारी
ताजा खबर शिक्षा/कैरियर
joe root
Joe Root Childhood Story: बचपन के संघर्ष से इंटरनेशनल स्टार बनने तक
अंतरराष्ट्रीय खेल ताजा खबर
भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व
भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व
ताजा खबर राष्ट्रीय
R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी
R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी
Banking & Finance तकनीकी ताजा खबर राष्ट्रीय व्यापार संपादकीय
विश्व कप का रोमांच और भारतीय टीम की दमदार तैयारी
विश्व कप का रोमांच और भारतीय टीम की दमदार तैयारी
अंतरराष्ट्रीय खेल राष्ट्रीय
Aa
Aa
The Palash NewsThe Palash News
  • ताजा खबर
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
  • राजनीतिक
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • तकनीकी
  • पर्व/त्योहार
  • मनोरंजन
  • लाइफ स्टाइल
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज
  • अंतरराष्ट्रीय
  • आज का राशिफल
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • झारखंड
  • तकनीकी
  • ताजा खबर
  • पर्व/त्योहार
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • राँची
  • राजनीतिक
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • वीडियो
  • Banking & Finance
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • संपादकीय
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज
Follow US
तकनीकीताजा खबरसंपादकीय

भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘गीग इकोनॉमी’ और नारी सशक्तिकरण

Amanda Nidhi
Last updated: 2025/11/27 at 6:45 PM
Amanda Nidhi
Share
6 Min Read
भारतीय अर्थव्यवस्था में 'गीग इकोनॉमी' और नारी सशक्तिकरण
भारतीय अर्थव्यवस्था में 'गीग इकोनॉमी' और नारी सशक्तिकरण
SHARE

भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘गीग इकोनॉमी’ और नारी सशक्तिकरण: एक क्रांति से कम नहीं!

आजकल हम अपने आस-पास ऐसे कई लोगों को देखते हैं जो किसी कंपनी एवं कस्टमर के बीच सर्विस पहुँचाने का कार्य करते हैं। साथ ही, ऐसे कई विज्ञापन हमारे सोशल मीडिया साइट पर हम देख पाते हैं जिनमें फ्रीलांसर (Freelancer) या वर्क फ्रॉम होम जैसे कार्य करने वाले लोगों की आवश्यकता बताई जाती है। पिछले कुछ सालों में ऐसे वर्क कल्चर की बाढ़ सी आई है, जो हमारे देश की G.D.P. के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को भी प्रभावित करने लगा है। इस कार्य व्यवस्था के पैटर्न को हम गीग इकोनॉमी (Gig Economy) के रूप में वर्गीकृत करते हैं।

Contents
भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘गीग इकोनॉमी’ और नारी सशक्तिकरण: एक क्रांति से कम नहीं!💡 गीग इकोनॉमी: क्या है इसका अर्थ?👩‍💻 महिलाओं के लिए वरदान: अनुकूल कार्यशैली📄 नीति आयोग का समर्थन और लचीले अवसर🌟 माइक्रो उद्यमी के रूप में महिलाएं💰 आर्थिक स्वतंत्रता: सशक्तिकरण का सबसे बड़ा स्तम्भ🚧 चुनौतियाँ और बाधाएँ🎯 निष्कर्ष: सशक्तिकरण की सबसे बड़ी शक्तियदि सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल कौशल को और मजबूत किया जाए, तो गीग इकोनॉमी भारत में महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी शक्ति बन सकती है।

इस लेख में, हम इसी गीग इकोनॉमी की उस पक्ष को जानने का प्रयास करेंगे जो महिला सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।


💡 गीग इकोनॉमी: क्या है इसका अर्थ?

गीग का शाब्दिक अर्थ छोटा काम / अस्थायी काम या कार्य-आधारित टास्क से है। यह शब्द अंग्रेजी में पहले संगीत जगत में उपयोग होता था, जहाँ कलाकार कार्यक्रम में एक बार प्रदर्शन करते थे। उस एक प्रदर्शन को Gig कहा जाता था। बाद में यह शब्द उस काम के लिए प्रयोग में लाया जाने लगा जो स्थायी नहीं होते और थोड़े समय के लिए किए जाते हैं।


👩‍💻 महिलाओं के लिए वरदान: अनुकूल कार्यशैली

जैसा कि हम जानते हैं, भारतीय समाज में परिवार की देख-भाल महिलाओं का प्राथमिक कार्य माना जाता है। यह एक प्राकृतिक नियम है कि बच्चा पिता की अपेक्षा माता पर अधिक निर्भर होता है। ऐसी स्थिति में, यदि एक महिला पूर्णकालिक आर्थिक क्रियाकलाप से जुड़ती है, तो उसे कई प्रकार की चुनौतियों के साथ-साथ दोहरा काम का दबाव भी झेलना पड़ता है। कार्यस्थल में सुरक्षा की चिंता और यात्रा की समस्या जैसे कारणों से कई बार महिलाओं को परिवार से अनुमति नहीं मिलती।

परन्तु, गीग इकोनॉमी की इस संरचना ने महिलाओं को उनके ही घरों में, उनके समय के अनुसार, तथा बिना किसी यात्रा के कामों की उपलब्धता दी है। कार्य क्षेत्र: गीग इकोनॉमी का कार्य क्षेत्र ब्लू कॉलर जॉब (पैकिंग, डिलीवरी आदि) और व्हाइट कॉलर जॉब (कुशल श्रमिक महिलाएं फ्रीलांसिंग के ज़रिए) दोनों में ही व्याप्त है। अर्थात, यदि कोई महिला अकुशल श्रमिक है तो भी उसके लिए इस व्यवस्था में रोज़गार है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में 'गीग इकोनॉमी' और नारी सशक्तिकरण
भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘गीग इकोनॉमी’ और नारी सशक्तिकरण

📄 नीति आयोग का समर्थन और लचीले अवसर

नीति आयोग की रिपोर्ट “India’s Booming Gig and Platform Economy” के अनुसार, गीग इकोनॉमी भारत में महिलाओं के लिए नए, लचीले और सुरक्षित आर्थिक अवसर पैदा कर रही है। नीति आयोग ने इस बात को माना है कि घरेलू ज़िम्मेदारियाँ, परिवार की देखभाल और सामाजिक सीमाएँ उन्हें फुल टाइम नौकरी करने से रोकती है।

वहीं, गीग इकोनॉमी उन्हें यह सुविधा देती है कि वे:

  • ✅ अपने समय के अनुसार काम चुनें।

  • ✅ घर से काम कर सकें।

  • ✅ पार्ट टाइम या कम घंटे काम कर सकें।

🌟 माइक्रो उद्यमी के रूप में महिलाएं

गीग इकोनॉमी महिलाओं को माइक्रो उद्यमी भी बना रही है। उदाहरण के लिए:

  • घर की बनी पापड़/अचार Meesho और Amazon पर बेचना।

  • ऑनलाइन ट्यूशन और कोचिंग, ट्यूटोरियल विडियो आदि।

डिजिटल प्लेटफॉर्म से फैली यह अर्थव्यवस्था महिलाओं को रोज़गार के साथ-साथ नए कौशल सीखने और ज्ञान बढ़ाने का भी मौका देती है, जिससे वे उच्च आय वाली नौकरियों में प्रवेश करती हैं। जो कि सशक्तिकरण का आधार है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में 'गीग इकोनॉमी' और नारी सशक्तिकरण
भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘गीग इकोनॉमी’ और नारी सशक्तिकरण

💰 आर्थिक स्वतंत्रता: सशक्तिकरण का सबसे बड़ा स्तम्भ

गीग कार्य ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता प्रदान की है। वे अब अपनी कमाई स्वयं रख सकती हैं, उनके व्यय या निवेश का निर्णय ले सकती हैं।

दरअसल, आर्थिक स्वतंत्रता ही वास्तविक सशक्तिकरण का सबसे बड़ा स्तम्भ है।


🚧 चुनौतियाँ और बाधाएँ

यद्यपि गीग इकोनॉमी ने महिलाओं के लिए कई संभावनाओं के द्वार खोले हैं, परन्तु अभी भी कुछ समस्याएँ हैं जिनके कारण महिलाओं की सशक्तिकरण में बाधा उत्पन्न हो रही है:

  1. डिजिटल साक्षरता की कमी: गीग इकोनॉमी का आधार डिजिटल प्लेटफॉर्म है, परन्तु अभी भी महिलाओं में डिजिटल साक्षरता या डिजिटल उपकरणों का अभाव देखा गया है।

  2. स्थायित्व की कमी: यह गीग इकोनॉमी का एक अवगुण माना जाता है। इसमें स्थायित्व (स्टेबिलिटी) की कमी देखी जाती है। अतः, महिलाएँ इन रोज़गार के आधार पर अपनी दीर्घकालिक आर्थिक योजनाएँ नहीं बना सकतीं।

  3. सुरक्षित कार्यस्थल का अभाव: ब्लू कॉलर जॉब जैसे डिलीवरी इत्यादि में यहाँ भी सुरक्षित कार्यस्थल का अभाव देखने को मिलता है

भारतीय अर्थव्यवस्था में 'गीग इकोनॉमी' और नारी सशक्तिकरण
भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘गीग इकोनॉमी’ और नारी सशक्तिकरण

🎯 निष्कर्ष: सशक्तिकरण की सबसे बड़ी शक्ति

निष्कर्ष के रूप में कहा जाए तो गिग इकोनॉमी महिलाओं के लिए रोजगार, सम्मान और स्वतंत्रता के नए द्वार खोल रही है। यह न केवल महिलाओं की आय बढ़ा रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक, सामाजिक और डिजिटल रूप में सशक्त भी कर रही है।

गीग इकोनॉमी भारत में महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी शक्ति बन सकती है

गीग इकोनॉमी भारत में महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी शक्ति बन सकती है

यदि सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल कौशल को और मजबूत किया जाए, तो गीग इकोनॉमी भारत में महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी शक्ति बन सकती है।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to share on X (Opens in new window) X

Like this:

Like Loading...
TAGGED: Bharatiya Arthvyavastha mein 'Gig Economy' aur Nari Sashaktikaran, LATESTST NEWS, PALASH NEWS, techonoloby news, भारतीय अर्थव्यवस्था में 'गीग इकोनॉमी' और नारी सशक्तिकरण
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

AFCAT
ताजा खबरशिक्षा/कैरियर

✈️ AFCAT 01/2026 Batch Recruitment – पूरी विस्तार से जानकारी

December 5, 2025
joe root
अंतरराष्ट्रीयखेलताजा खबर

Joe Root Childhood Story: बचपन के संघर्ष से इंटरनेशनल स्टार बनने तक

December 4, 2025
भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व
ताजा खबरराष्ट्रीय

भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व

December 3, 2025
R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी
Banking & Financeतकनीकीताजा खबरराष्ट्रीयव्यापारसंपादकीय

R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी

December 3, 2025
finel logo png

The Palash News

Facebook Twitter Youtube Wordpress

About Us

ThePalashNews ( दपलाशन्यूज ) न्यूज़ लेखक और ब्लॉगर द्वारा बनाया गया है. दपलाशन्यूज का मुख्य उद्देश्य है ताज़ा जानकारी को सबसे तेज सबसे रीडर तक पहुँचाना। इस न्यूज़ ब्लॉग को बनाने के लिए कई सारे एक्सपर्ट लेखक दिन रात अथक प्रयास में रहते है. दपलाशन्यूज का मुख्य उद्देश्य अपने पाठको को वेब और मोबाइल पर ऑनलाइन समाचार देखने वाले दर्शकों का एक वफादार आधार बना रहा है। हम राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, उपयोगकर्ता रुचि जानकारी, अजीब समाचार, ज्योतिष समाचार, व्यापार समाचार, खेल समाचार, जीवन शैली समाचार इत्यादि को कवर करने वाले तेज़ और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Policies Links

  • Privacy Policy
  • Correction Policy
  • Fact Checking Policy
  • Disclaimer
  • Our Team
  • Contact Us
  • About Us
Category Links
  • अंतरराष्ट्रीय
  • आज का राशिफल
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • झारखंड
  • तकनीकी
  • ताजा खबर
  • पर्व/त्योहार
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • राँची
  • राजनीतिक
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • वीडियो
  • Banking & Finance
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • संपादकीय
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज

About Us

Copyright © 2024 The Palash News

Removed from reading list

Undo
Go to mobile version
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?
%d