The Palash NewsThe Palash News
  • अंतरराष्ट्रीय
  • आज का राशिफल
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • झारखंड
  • तकनीकी
  • ताजा खबर
  • पर्व/त्योहार
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • राँची
  • राजनीतिक
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • वीडियो
  • Banking & Finance
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • संपादकीय
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज
Notification Show More
Latest News
AFCAT
✈️ AFCAT 01/2026 Batch Recruitment – पूरी विस्तार से जानकारी
ताजा खबर शिक्षा/कैरियर
joe root
Joe Root Childhood Story: बचपन के संघर्ष से इंटरनेशनल स्टार बनने तक
अंतरराष्ट्रीय खेल ताजा खबर
भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व
भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व
ताजा खबर राष्ट्रीय
R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी
R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी
Banking & Finance तकनीकी ताजा खबर राष्ट्रीय व्यापार संपादकीय
विश्व कप का रोमांच और भारतीय टीम की दमदार तैयारी
विश्व कप का रोमांच और भारतीय टीम की दमदार तैयारी
अंतरराष्ट्रीय खेल राष्ट्रीय
Aa
Aa
The Palash NewsThe Palash News
  • ताजा खबर
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
  • राजनीतिक
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • तकनीकी
  • पर्व/त्योहार
  • मनोरंजन
  • लाइफ स्टाइल
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज
  • अंतरराष्ट्रीय
  • आज का राशिफल
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • झारखंड
  • तकनीकी
  • ताजा खबर
  • पर्व/त्योहार
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • राँची
  • राजनीतिक
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • वीडियो
  • Banking & Finance
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • संपादकीय
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज
Follow US
ताजा खबरराजनीतिकराष्ट्रीयसंपादकीय

भारतीय समाज और जाति व्यवस्था

Amanda Nidhi
Last updated: 2025/11/26 at 11:40 AM
Amanda Nidhi
Share
8 Min Read
भारतीय समाज और जाति व्यवस्था
भारतीय समाज और जाति व्यवस्था
SHARE

भारतीय समाज और जाति व्यवस्था

एक चिरस्थायी संरचना का विश्लेषण

हाल ही में आई, आई.आई.एम. (IIM) बैंगलोर की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षक, बच्चों को लेकर जो धारणा बनाते है उसमे जाति आधारित धारणा अधिक पाई गई। इस ख़बर ने मेरे मन में एक प्रश्न खड़ा कर दिया कि यह 2000-3000 साल पुरानी सामाजिक संरचना, जिसे इस आधुनिक समाज में सभी कुप्रथा मानते हैं, जिसके ख़िलाफ़ कानून हैं, पाठ्यक्रम में शामिल है। कई समाजिक सुधार वाद विवाद किये गए। आज कोई ऐसा अंधविश्वास भी नहीं कि ये ईश्वर (यानि कोई उपरी शक्ति ) के द्वारा बनाई गई व्यवस्था है। फिर ऐसा क्या है कि हम हर क्षेत्रों में तो आगे बढ़ रहे हैं? परंतु जाति व्यवस्था की हथकड़ी को अभी तक तोड़ नहीं पाए? और तोड़ पाना तो दूर, कई मामलों में ये अधिक जटिल भी होती जा रही है।

Contents
भारतीय समाज और जाति व्यवस्थाएक चिरस्थायी संरचना का विश्लेषणI. सामाजिक परंपराएँ और सांस्कृतिक पहचान: जीवनशैली का अभिन्न अंगII. सामाजिक पहचान और सुरक्षा भावना: समूह में जीने की प्रवृत्तिIII. आर्थिक संसाधनों की ऐतिहासिक असमानता और सामाजिक श्रेष्ठताIV. विवाह में जाति की भूमिका: पीढ़ी दर पीढ़ी संचरणV. मनोवैज्ञानिक कारण: श्रेष्ठता और हीनता की भावनाVI. राजनीति में जाति का गहरा दुरुपयोग: वोट बैंक की हकीकतनिष्कर्ष: एक जटिल सामाजिक संरचना

I. सामाजिक परंपराएँ और सांस्कृतिक पहचान: जीवनशैली का अभिन्न अंग

जाति व्यवस्था भारतीय समाज में महज़ एक सामाजिक वर्गीकरण नहीं है, बल्कि यह लोगों की जीवनशैली, पहचान, कर्मकांड, विवाह, त्योहारों और खान-पान में गहरे तक समाहित है।

  • धार्मिक कर्मकांडों में प्रभुत्व: आज भी अधिकांश हिंदू पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों को ब्राह्मणों द्वारा सम्पन्न कराना ही श्रेष्ठ मानते हैं।

  • कर्म और जाति का समीकरण: कुछ विशिष्ट कर्मकांड या पारंपरिक पेशे आज भी सम्बंधित जातियों के लिए ही आरक्षित माने जाते हैं, जिससे यह धारणा बनी रहती है कि कुछ कार्य किसी विशेष जाति की ही “थाती” हैं। यह सांस्कृतिक जुड़ाव जाति को केवल एक ‘पहचान’ से कहीं ज़्यादा एक ‘जीवन पद्धति’ बना देता है।


II. सामाजिक पहचान और सुरक्षा भावना: समूह में जीने की प्रवृत्ति

भारतीय समाज की संरचना समूह में रहने की सोच को महत्व देती है। जाति व्यवस्था व्यक्ति को जन्म से ही एक बना-बनाया समूह प्रदान करती है, जो उसे सामाजिक सुरक्षा और जुड़ाव की भावना देती है।

  • सुरक्षित समूह की भावना: व्यक्ति इस समूह के भीतर सुरक्षित और स्वीकृत महसूस करता है।

  • प्रवासी संदर्भ में जाति का महत्व: जब व्यक्ति अपने मूल स्थान से दूर, किसी अन्य प्रदेश या शहर में जाता है, तो वह सबसे पहले उसी समूह के लोगों को तलाशता है और उनके बीच रहने में स्वयं को अधिक सुरक्षित मानता है। यह समूह भावनात्मक और सामाजिक समर्थन का एक मजबूत जाल प्रदान करता है, जो आधुनिक समाज के अकेलेपन को कम करता है।


III. आर्थिक संसाधनों की ऐतिहासिक असमानता और सामाजिक श्रेष्ठता

सदियों तक, विभिन्न जातियों ने स्वयं को विशिष्ट आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा, जिसने आर्थिक संसाधनों पर ऐतिहासिक असमानता को जन्म दिया।

  • पारंपरिक व्यवसायों पर एकाधिकार:

    • क्षत्रिय राजसत्ता से, स्वर्णकार सोने के व्यवसाय से, लोहार लोहे के काम से, और कायस्थ मुनीमगीरी से जुड़े रहे।

    • ऊँची कही जाने वाली जातियों ने इन आर्थिक संसाधनों पर बढ़त हासिल कर ली, जिसे बाद में सामाजिक प्रतिष्ठा से भी जोड़ दिया गया।

  • आधुनिक युग में भी निरंतरता: भले ही आधुनिक युग में आर्थिक क्रियाकलाप अब एक जाति विशेष की विरासत नहीं रहे, लेकिन ऐतिहासिक सामाजिक श्रेष्ठता के कारण, उच्च जाति के लोग अपनी जाति की पहचान को बनाए रखना चाहते हैं ताकि वे अपनी पारंपरिक सामाजिक प्रतिष्ठा को कायम रख सकें। आर्थिक शक्ति का सामाजिक सम्मान में रूपांतरण इस व्यवस्था को पोषित करता है।


IV. विवाह में जाति की भूमिका: पीढ़ी दर पीढ़ी संचरण

विवाह वह मुख्य संस्था है जो जाति व्यवस्था को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाती है।

  • जातीय अंतर्विवाह (Endogamy): भारत में लगभग 85-90% विवाह अपनी ही जाति के भीतर होते हैं।

  • परंपरा और सम्मान की रक्षा: परिवार ऐसा अपनी परंपरा, सामाजिक मान-सम्मान, और पहचान को बचाने के लिए करते हैं। अंतर-जातीय विवाह को अक्सर परिवार की प्रतिष्ठा पर एक धब्बा माना जाता है।

  • चूंकि विवाह ही जाति पर आधारित होता है, इसलिए जाति व्यवस्था का चक्र कभी टूट नहीं पाता और बच्चों को उनके माता-पिता की जाति विरासत में मिल जाती है।


V. मनोवैज्ञानिक कारण: श्रेष्ठता और हीनता की भावना

जाति व्यवस्था समाज में श्रेष्ठता (Superiority) और हीनता (Inferiority) की गहरी मनोवैज्ञानिक भावनाएँ पैदा करती है।

  • उच्च जातियों में श्रेष्ठता बोध: कुछ उच्च जातियों में अभी भी यह पूर्वाग्रह मौजूद है कि वे पवित्र और श्रेष्ठ हैं, जिससे उनमें दूसरों के प्रति भेदभाव करने की प्रवृत्ति बनी रहती है।

  • निम्न जातियों में आत्मविश्वास की कमी: दूसरी ओर, तथाकथित निम्न जातियाँ अक्सर भेदभाव और सामाजिक बहिष्करण के कारण अपना आत्मविश्वास खो देती हैं। कई लोग अपनी जाति पहचान को ही अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मान लेते हैं, जिसे कभी-कभी “पहचान की राजनीति” के रूप में भी देखा जाता है। यह मानसिक ढाँचा पूर्वाग्रहों को जीवित रखता है।


VI. राजनीति में जाति का गहरा दुरुपयोग: वोट बैंक की हकीकत

भारतीय लोकतंत्र में, जाति एक बड़ा और शक्तिशाली वोट बैंक है, जिसने इस व्यवस्था को एक राजनीतिक औजार में बदल दिया है।

  • जाति-आधारित लामबंदी: राजनीतिक दल वोट पाने के लिए जाति-आधारित रैलियाँ, घोषणाएँ, आरक्षण के वादे और उम्मीदवार चयन करते हैं।

  • संस्थागत समर्थन: आरक्षण की नीति, जो सामाजिक न्याय के लिए लाई गई थी, का भी राजनीतिक दलों द्वारा अक्सर लाभ के लिए दुरुपयोग किया जाता है, जिससे जाति की पहचान और अधिक मज़बूत होती है।

  • पीढ़ीगत राजनीति: यह प्रवृत्ति इतनी गहरी हो चुकी है कि नए, भले ही जाति-नियमों से अनजान, राजनेताओं के बच्चे भी राजनीति में आते ही वोट बैंक का लाभ पाने के लिए जाति का राग अलापने लगते हैं। राजनीति इस संरचना को तोड़ने की बजाय, उसे पोषण प्रदान कर रही है।

भारतीय समाज और जाति व्यवस्था
भारतीय समाज और जाति व्यवस्था

निष्कर्ष: एक जटिल सामाजिक संरचना

इन सभी बिंदुओं पर विचार कर हम देखते हैं कि जाति व्यवस्था केवल पुरानी सोच नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक संरचना है जो परिवार, अर्थव्यवस्था, राजनीति, सामाजिक सुरक्षा, मनोविज्ञान, और परंपरा से गहराई तक जुड़ी हुई है। यह हमारे मन मस्तिष्क में इस प्रकार घर बना चुकी है कि, कई बार ऐसा देखने में आता है कि बड़े पद पर बैठा व्यक्ति भी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर व्यक्ति विशेष के प्रति गलत निर्णय ले लेता है। बिहार के सरकारी स्कूल के सर्वे में आया नतीजा इसका ही एक भाग है।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to share on X (Opens in new window) X

Like this:

Like Loading...
TAGGED: article, blog, essay, latest news, NEWS, palashnews, भारतीय समाज और जाति व्यवस्था
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Might Also Like

AFCAT
ताजा खबरशिक्षा/कैरियर

✈️ AFCAT 01/2026 Batch Recruitment – पूरी विस्तार से जानकारी

December 5, 2025
joe root
अंतरराष्ट्रीयखेलताजा खबर

Joe Root Childhood Story: बचपन के संघर्ष से इंटरनेशनल स्टार बनने तक

December 4, 2025
भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व
ताजा खबरराष्ट्रीय

भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास: वीरता, बलिदान और गौरव का पर्व

December 3, 2025
R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी
Banking & Financeतकनीकीताजा खबरराष्ट्रीयव्यापारसंपादकीय

R.B.I. द्वारा जारी किया गया डिजिटल बैंकिंग के नियम, बैंकिंग उपभोक्ताओं के लिए कितना उपयोगी

December 3, 2025
finel logo png

The Palash News

Facebook Twitter Youtube Wordpress

About Us

ThePalashNews ( दपलाशन्यूज ) न्यूज़ लेखक और ब्लॉगर द्वारा बनाया गया है. दपलाशन्यूज का मुख्य उद्देश्य है ताज़ा जानकारी को सबसे तेज सबसे रीडर तक पहुँचाना। इस न्यूज़ ब्लॉग को बनाने के लिए कई सारे एक्सपर्ट लेखक दिन रात अथक प्रयास में रहते है. दपलाशन्यूज का मुख्य उद्देश्य अपने पाठको को वेब और मोबाइल पर ऑनलाइन समाचार देखने वाले दर्शकों का एक वफादार आधार बना रहा है। हम राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, उपयोगकर्ता रुचि जानकारी, अजीब समाचार, ज्योतिष समाचार, व्यापार समाचार, खेल समाचार, जीवन शैली समाचार इत्यादि को कवर करने वाले तेज़ और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Policies Links

  • Privacy Policy
  • Correction Policy
  • Fact Checking Policy
  • Disclaimer
  • Our Team
  • Contact Us
  • About Us
Category Links
  • अंतरराष्ट्रीय
  • आज का राशिफल
  • ऑटोमोबाइल
  • खेल
  • झारखंड
  • तकनीकी
  • ताजा खबर
  • पर्व/त्योहार
  • बिहार
  • मनोरंजन
  • राँची
  • राजनीतिक
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • वीडियो
  • Banking & Finance
  • व्यापार
  • शिक्षा/कैरियर
  • सरकारी योजना
  • संपादकीय
  • वैराग्य विचार
  • वेबस्टोरीज

About Us

Copyright © 2024 The Palash News

Removed from reading list

Undo
Go to mobile version
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?
%d