Joe Root: बचपन के संघर्ष कहानी — संघर्ष, क्लास और इतिहास रचने वाले बल्लेबाज़ का मानवीय सफर
दुनिया क्रिकेट के इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे आते हैं जिन्हें देखकर लगता है कि बल्लेबाज़ी सिर्फ रन बनाने की कला नहीं, बल्कि एक एहसास है — एक बहती हुई कविता, एक सहज लय, एक शांत नदी की तरह जिसमें हर गेंद के साथ नया मोड़ आता है, नई खूबसूरती उभरती है।
इन्हीं खिलाड़ियों में एक नाम है — Joe Root।
Joe Root वो खिलाड़ी हैं जिन्हें देखकर कभी गुस्सा नहीं आता, कभी aggression का उबाल नहीं दिखता, कभी चेहरे पर तूफ़ान जैसा तनाव नहीं दिखता।
वे चिल्लाते नहीं, बड़े-बड़े gestures नहीं देते, मैदान पर लड़ाई नहीं करते — लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी खुद मैदान पर एक अलग तरह का युद्ध लड़ती है, वह भी इतनी ख़ामोशी से कि सामने वाले को पता ही नहीं चलता कि कब वह खेल में पीछे छूट गया।
आज Root दुनिया के उन चंद खिलाड़ियों में से एक हैं जिनका नाम सुनते ही क्लास, खूबसूरती, संयम और pure cricketing art का ख्याल आता है।
पर क्या Joe Root सिर्फ एक महान बल्लेबाज़ हैं?
नहीं…
वे एक कहानी हैं — संघर्षों की, शांत शक्ति की, समर्पण की, और उस इंसान की जिसने दुनिया को दिखाया कि बिना शोर मचाए भी इतिहास लिखा जा सकता है।
आइए, इस महान खिलाड़ी की यात्रा को एक इंसान की कहानी की तरह महसूस करते हैं…
1. Joe Root Childhood Story: एक शांत लड़के का जन्म — और क्रिकेट की ओर पहला कदम
30 दिसंबर 1990 को इंग्लैंड के Sheffield में एक लड़का जन्मा।
सर्दी की सुबह थी, घर के अंदर हीटर चल रहा था, और बाहर हल्की धुंध तैर रही थी।
किसी को क्या पता था कि यही बच्चा एक दिन दुनिया क्रिकेट के सबसे बड़े कलाकारों में शामिल होगा।
Joe Root बचपन में बहुत शांत, शर्मीला और संकोची बच्चा थे।
जहाँ दूसरे बच्चे शोर मचाते, वहीं Root किसी कोने में बैठकर खिलौने सजा रहे होते या एक छोटी सी रबड़ की गेंद हवा में उछालकर पकड़ रहे होते।
उनके परिवार में खेल पहले से ही एक भाव था।
उनके पिता क्रिकेट से प्यार करते थे, और छोटे भाई Billy Root ने भी Root के हर कदम पर क्रिकेट में साथ दिया।
Root के पिता अक्सर कहते थे:
“Joe बोलता कम था, पर उसका बैट बहुत कुछ कहता था।”
और सच भी यही है—Joe Root की कहानी शब्दों से नहीं, बल्कि बल्ले की आवाज़ से लिखी गई है।
2. Joe Root Childhood Story: Sheffield Collegiate Cricket Club

कहते हैं हर महान खिलाड़ी के पीछे किसी न किसी जगह का हाथ होता है, जो उसे shape देती है।
Root के लिए यह जगह थी — Sheffield Collegiate Cricket Club।
ये वही क्लब है जिसने Michael Vaughan जैसे दिग्गज खिलाड़ी तैयार किए।
Root यहाँ रोज़ घंटों अभ्यास करते, कभी गेंद पर—कभी रनिंग पर—कभी footwork पर।
Coach अक्सर कहते:
“Joe में कोई हवा, कोई show-off नहीं था।
वह बस शांति से बैठकर अपने खेल को समझता था।”
Root का talent एकदम दिखावटी नहीं था, वह धीरे-धीरे खिलने वाला talent था, जैसे सुबह की धूप धीरे-धीरे शहर को रोशन करती है।
3. Joe Root Childhood Story: Under-19 से England तक
Root के खेल में वो maturity थी जो आम तौर पर बड़े खिलाड़ियों में दिखती है।
ICC Under-19 World Cup में उन्होंने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि अपने temperament से selectors को impress किया।
Root का असली talent यह था कि वह बल्ले से उतना ही बात करते थे जितना जरूरत होती थी, और बाकी का काम वह अपनी शांति से करते थे।
आख़िरकार 2012 आया — वह साल जिसने Root की ज़िंदगी बदल दी।
4. भारत में टेस्ट डेब्यू
बहुत कम खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिनका डेब्यू भारत में हो और वे सफल हों।
क्योंकि भारत की पिचें spin का समुद्र होती हैं और नए खिलाड़ियों के लिए एक गहरा जाल।
पर Joe Root अलग थे।
नागपुर टेस्ट…
Root पहली बार इंग्लैंड की जर्सी पहनकर मैदान में उतरे।
वे शांत थे — बिल्कुल वैसे ही जैसे वे अपने बचपन में थे।
और फिर उन्होंने वह किया जो कम ही debutant कर पाते हैं—
73 रन की शानदार, धैर्यभरी, match-saving पारी।
उस पारी में कोई aggression नहीं था,
कोई show नहीं था,
कोई risky shot नहीं था—
बस pure cricket.
उसी पारी के बाद experts ने कहा:
“This kid is special.”
और दुनिया ने यह मान लिया कि एक नया star इंग्लैंड में उग रहा है।
5. Root की बल्लेबाज़ी
Root की बल्लेबाज़ी को समझना किसी किताब पढ़ने जैसा है।
जितना पढ़ो, उतनी ही गहराई समझ में आती है।
उनके खेल की खास बातें:
🔵 Root का stance बहुत शांत और balanced होता है
वह गेंद को late खेलते हैं, जिससे उन्हें समय मिलता है।
🔵 उनका footwork textbook से भी बेहतर है
वे spin और pace दोनों को खूबसूरती से खेलते हैं।
🔵 उनकी sweep—traditional और reverse—दोनों दुनिया में best मानी जाती हैं
भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान—इन जगहों पर Root का बल्ला एक अलग ही चमक दिखाता है।
🔵 Root strike rotate करने के master हैं
वे हर कुछ गेंदों में single लेकर गेंदबाजों पर दबाव डालते हैं।
🔵 Root aggression नहीं, attitude दिखाते हैं
उनका calmness ही उनका सबसे बड़ा हथियार है।
6. कप्तानी का दौर — बचपन के संघर्ष जिम्मेदारी का बोझ और एक शांत योद्धा
2017 में Joe Root इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बने।
कप्तान बनना आसान होता है—पर कप्तान के रूप में survive करना बहुत मुश्किल।
Root को एक rebuilding टीम मिली थी।
कई सीनियर players जा चुके थे, bowling unit unstable था, और team लगातार transitions में थी।
कई experts कहते हैं,
“Root एक अच्छे कप्तान थे, पर एक महान बल्लेबाज़ उससे भी बड़े थे।”
Root ने कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कीं:
- श्रीलंका में सीरीज जीत
- भारत में double century
- 2021 में 1700+ टेस्ट रन (दुर्लभ उपलब्धि)
- young players को confidence देना
पर चुनौतियाँ भी उनकी राह में आईं:
- Ashes में जीत का सपना
- चोटिल गेंदबाज
- लगातार team changes
फिर 2022 में उन्होंने कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया।
उस समय Root ने कहा:
“मैं अब सिर्फ बल्लेबाज़ के रूप में टीम को और दे सकता हूं।”
और सच में, कप्तानी छोड़ते ही Root के बल्ले में फिर वही पुरानी चमक लौट आई।
7. Root की पारी
किसी भी महान खिलाड़ी की पहचान उसकी विशेष पारियों से होती है।
Joe Root की कई पारियाँ ऐसी हैं जिन्हें cricket lovers कभी भूल नहीं पाएंगे।
⭐ 218 vs India, Chennai (2021)
ये innings spin के खिलाफ एक masterclass थी।
गेंद टर्न ले रही थी, bounce अनियमित था—पर Root के bat से सिर्फ poetry निकल रही थी।
⭐ 180 vs India, Lord’s (2021)*
उन्हें Lord’s का lord इसलिए कहा जाता है।
⭐ 228 vs Sri Lanka (Galle)
सिर्फ रन नहीं, एक statement:
“Spin मुझे बांध नहीं सकता।”
⭐ Double Ton vs New Zealand (2014)
उस innings ने दुनिया को बताया कि यह लड़का सिर्फ लम्बी पारी खेलना नहीं जानता—बल्कि match control करना भी जानता है।
8. Fab 4 का हिस्सा
Virat Kohli
Kane Williamson
Steve Smith
Joe Root
ये चार खिलाड़ी modern cricket के “Fab 4” कहलाते हैं, और Root इन चारों में सबसे अलग हैं।
- Kohli aggression हैं
- Smith technique का प्रयोग हैं
- Williamson elegance हैं
और Root?
Root शांति हैं।
वह कला हैं।
वह क्लास हैं।
9. Joe Root का मानवीय पक्ष —बचपन के संघर्ष जो उन्हें और भी महान बनाता है
Root सिर्फ एक great player नहीं, बल्कि एक great human भी हैं।
- वह कभी विवाद में नहीं पड़ते
- media के साथ humble रहते हैं
- dressing room में fun-loving personality हैं
- नए खिलाड़ियों को motivate करते हैं
- कभी camera के सामने overreaction नहीं करते
उनका calm nature ही उनकी सबसे बड़ी identity है।
उनके teammate कहते हैं:
“Root कभी गुस्सा नहीं होते, चाहे मैच कितना भी बड़ा क्यों ना हो।”
10. Joe Root का भविष्य
Root अभी भी सिर्फ 33–34 साल के आसपास हैं।
उनके सामने और कई सालों का खेल बाकी है।
Cricket experts कहते हैं:
✔ Root 14,000–15,000 टेस्ट रन बना सकते हैं
✔ वे इंग्लैंड के सबसे महान बल्लेबाज़ बन सकते हैं
✔ आने वाले दशक में दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट बल्लेबाज़ रहेंगे
✔ Test cricket का चेहरा बदलने में उनका योगदान रहेगा
Root का सफर अभी खत्म नहीं हुआ—
उनकी कहानी अभी जारी है,
और यह कहानी अभी कई नए अध्याय लिखेगी।
निष्कर्ष: Joe Root सिर्फ खिलाड़ी नहीं, एक एहसास हैं
Joe Root को शब्दों में बांधना आसान नहीं,
क्योंकि वह सिर्फ मैदान पर रनों की मशीन नहीं —
एक कलाकार हैं।
उनकी बल्लेबाज़ी एक कविता है।
उनका धैर्य एक सीख है।
उनकी शांति एक शक्ति है।
उनकी consistency एक आश्चर्य है।
