आतंकियो का मकसद ?
हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह घटना अभी शांत भी नहीं हुई थी कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर कायराना आतंकी हमला हो गया, जिसने एक बार फिर देश को गमगीन कर दिया है। इन घटनाओं ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर तब जब झारखंड के मुख्यमंत्री ने पहलगाम हमले की निंदा तो की, लेकिन बंगाल हिंसा पर चुप्पी साध ली।
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले ने एक बार फिर आतंकवाद के नापाक मंसूबों को उजागर कर दिया है। निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर ये आतंकी देश में डर और खौफ का माहौल पैदा करना चाहते हैं। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब कश्मीर में पर्यटन बढ़ रहा है और हालात सामान्य हो रहे हैं। आतंकियों का मकसद साफ है – वे शांति और समृद्धि को बाधित करना चाहते हैं।
यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर क्यों बार-बार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है? पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और वहां धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा ने देश के विकास को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिन बच्चों के हाथों में कलम और किताबें होनी चाहिए, उन्हें हथियार थमा दिए गए हैं। अब भारत के विकास को देखकर पाकिस्तान जल रहा है और इस आग में भारत को भी झोंकने की कोशिश कर रहा है।
आतंकियो का मकसद ?
क्या देश में सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने के पीछे कोई आतंकवादी रणनीति है? यह हिंसा साफ-साफ दर्शाती है कि अब हिंदुस्तान में हिंदुओं को टारगेट किया जाएगा। इसका मकसद भारतीय मुस्लिमों के दिलों में जहर घोलना और सांप्रदायिक हिंसा को भड़काना है, ताकि देश को बर्बाद किया जा सके।
हर भारतीय का खून इस हिंसा से खौल उठेगा। हमें यह समझना होगा कि यह सिर्फ एक हमला नहीं है, बल्कि देश को अस्थिर करने की एक बड़ी साजिश है। हमें एकजुट होकर ऐसी ताकतों का मुकाबला करना होगा जो हमारे देश में नफरत और विभाजन फैलाना चाहती हैं।
यह वक्त है कि हम सब मिलकर शांति और सद्भाव की राह पर चलें और उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब दें जो सांप्रदायिकता की आग में देश को जलाना चाहते हैं।
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