NPS Vatsalya: छोटी बचत से बच्चों का भविष्य संवारेगी एनपीएस वात्सल्य
NPS Vatsalya: एनपीएस वात्सल्य नेशनल पेंशन सिस्टम के अंदर की एक नई पहल है, जिसे बच्चों के वित्तीय भविष्य को संवारने के लिए बनाया गया है. इस योजना के माध्यम से नाबालिगों के माता-पिता या उनके अभिभावक बचपन से लेकर 18 साल की उम्र तक उनके लिए रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार 18 सितंबर 2024 को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत नाबालिगों का खाता खोलने के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना (NPS Vatsalya Scheme) की शुरुआत कर दी है. इस एनपीएस वात्सल्य की खासियत यह है कि यह छोटी-छोटी बचत के जरिए बड़े ही प्यार से बच्चों का भविष्य संवारेगी. सरकार की इस योजना के तहत रजिस्टर्ड नए नाबालिगों के लिए स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या कार्ड (PRAN Card-प्राण कार्ड) जारी किए जाएंगे. सरकार की इस नई पहल का उद्देश्य पेंशन सिस्टम के जरिए बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना है, जिसकी निगरानी पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) करेगा. आइए, जानते हैं कि इस स्कीम के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे किया जा सकता है? इसमें जमा रकम की निकासी के नियम क्या हैं और आवेदन करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.
NPS Vatsalya क्या है?
एनपीएस वात्सल्य सरकार की पेंशन योजना है, जिसके जरिए माता-पिता अपने पेंशन खाते में निवेश करके अपने बच्चों के भविष्य के लिए बचत करते सकते हैं. छोटी-छोटी बचत पर चक्रवृद्धि ब्याज की बदौलत लॉन्ग टर्म में बच्चों के भविष्य के लिए एक निश्चित रकम जमा की जा सकती है. एनपीएस वात्सल्य के माध्यम से बैंकों या डाकघरों में माता-पिता की ओर से खोले गए एनपीएस खाते में नाबालिगों के नाम खाते खोलकर बच्चों के नाम पर सालाना 1000 रुपये जमा किया जा सकता है. इस योजना का लाभ हर प्रकार के आर्थिक पृष्ठभूमि वाले परिवारों को मिलेगा.

NPS के अंदर की नई पहल है एनपीएस वात्सल्य
अंग्रेजी की वेबसाइट द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एनपीएस वात्सल्य नेशनल पेंशन सिस्टम के अंदर की एक नई पहल है, जिसे बच्चों के वित्तीय भविष्य को संवारने के लिए बनाया गया है. इस योजना के माध्यम से नाबालिगों के माता-पिता या उनके अभिभावक बचपन से लेकर 18 साल की उम्र तक उनके लिए रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं. इस योजना में खाता नाबालिग के नाम पर खोला जाता है, जिसे अभिभावक या माता-पिता संचालित करते हैं. नाबालिग की उम्र 18 साल हो जाने के बाद टियर-I शहर के लिए बच्चों के नाम पर खोले गए खाते को एनपीएस में बदल सकते हैं. अभिभावक और माता-पिता ऑटो च्वाइस या एक्टिव च्वाइस के माध्यम से निवेश का ऑप्शन चुन सकते हैं.
NPS Vatsalya खाते से पैसों की निकासी कैसे करेंगे?
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि एनपीएस वात्सल्य योजना के खाते से एजुकेशन, गंभीर बीमारी और विकलांगता की स्थिति में रकम की निकासी की जा सकती है. इसका लॉकइन पीरियड 3 साल की है. इसका मतलब यह हुआ कि 3 साल की लॉकइन पीरियड के बाद अंशदान की 25% तक निकासी की जा सकती है. पूरी अवधि में अधिक से अधिक तीन बार निकासी की जा सकती है.
18 साल की उम्र पूरा होने पर पैसों की निकासी हो सकती है?
एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत खाते में जमा 2.5 लाख रुपये से अधिक के फंड पर फंड का 80% सालाना की खरीद के लिए इस्तेमाल किया जाता है और 20% रकम एकमुश्त निकाली जा सकती है. वहीं, 2.5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर के फंड पर एकमुश्त रकम निकाली जा सकती है. आकस्मिक मृत्यु होने की स्थिति में पूरा फंड अभिभावक या माता-पिता को वापस कर दिया जाएगा.
NPS Vatsalya में ऐसे खुलेगा ऑनलाइन खाता
एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत नाबालिगों का खाता पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के माध्यम से खोला जा सकता है. इसमें देश के सरकारी और प्राइवेट बैंक, डाकघर, पेंशन फंड, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ई-एनपीएस शामिल हैं. इसके अलावा, माता-पिता या अभिभावक अधिकारिक वेबसाइट https://app.camsnps.com/CRA/auth/enps/register पर क्लिक करके भी खाता खोल सकते हैं.
NPS Vatsalya योजना के तहत पात्र
- एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत किसी भी नाबालिग के नाम पर खाता खोला जा सकता है, जिनकी उम्र 18 साल से कम हो. इसमें शर्त यह है कि उनका आधार कार्ड और पैन हो.
- एनपीएस वात्सल्य योजना का खाता कम से कम 1000 रुपये के योगदान पर खोला जा सकता है. इसमें अधिकतम योगदान की कोई सीमा नहीं है.
- एनपीएस वात्सल्य योजना में नाबालिग के माता-पिता या अभिभाव अपने बच्चों के नाम पर योगदान कर सकते हैं.
- नाबालिग की उम्र 18 साल पूरा होने के बाद जरूरी केवाईसी दस्तावेज जमा करने के बाद एनपीएस वात्सल्य खाता अपने आप एनपीएस में तब्दील हो जाएगा.
खाता खुलवाने के लिए इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
- एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत खाता खुलवाने के लिए पहचान के तौर पर आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ और माता-पिता या अभिभावक का केवाईसी
- नाबालिग की डेट ऑफ बर्थ का सर्टिफिकेट
- अगर अभिभावक या माता-पिता एनआरआई हैं, तो नाबालिग का एनआरआई या एनआरओ बैंक खाता (सिंगल या ज्वाइंट अकाउंट)