Shivaji Maharaj statue collapse: सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में स्थापित की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई। 4 दिसंबर, 2023 को इस प्रतिमा का अनावरण किया गया था। प्रतिमा के गिरने के बाद से ही विपक्ष महायुति सरकार पर हमलावर है। बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर माफी मांगी।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के विरोध में आज रविवार को महाविकास अघाड़ी (MVA) मुंबई में प्रदर्शन कर रही है। इसे जोड़े मारो (hit with footwear) आंदोलन नाम दिया गया है।
Shivaji Maharaj statue collapse
MVA ने साउथ मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक पैदल मार्च निकाला। इसमें उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, शरद पवार, सुप्रिया सुले, नाना पटोले समेत MVA की तीनों पार्टियों के बड़े नेता शामिल हुए।

इस दौरान उद्धव ने CM शिंदे, डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के पोस्टर पर चप्पल मारी। उन्होंने कहा- मोदी की माफी अहंकार से भरी थी। वहीं, शरद पवार ने कहा- मूर्ति गिरना भ्रष्टाचार का उदाहरण है।
इधर, CM शिंदे ने कहा- विपक्ष मामले पर राजनीति कर रहा है। जनता सब देख रही है। आने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की जनता इन्हें जूतों से पीटेगी। भाजपा ने भी विपक्ष के प्रदर्शन के खिलाफ मुंबई में प्रोटेस्ट किया है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शुरुआत में 6 फीट ऊंची मूर्ति के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में मूर्ति को 35 फीट ऊंचा बनाया गया. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि मूर्ति मिट्टी से बनाई जानी थी, लेकिन बाद में इसे स्टेनलेस स्टील और अन्य सामग्रियों से बनाया गया. ‘आजतक’ आपको ऐसी मूर्ति बनाने की की अनुमति के बारे में पूरी जानकारी दे रहा है.
क्या है महाराष्ट्र का मूर्ति प्रकरण ?
दरअसल, इसी 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में स्थापित की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई। सिंधुदुर्ग जिले में 4 दिसंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था। 35 फुट की इस प्रतिमा का अनावरण नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था।
यह आयोजन पहली बार राजकोट किले में किया गया था। इसका उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत एवं आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान करना था। इस परियोजना की परिकल्पना और संचालन भारतीय नौसेना ने राज्य सरकार के साथ मिलकर किया था। इसके लिए राज्य सरकार ने धन भी मुहैया कराया था। रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रतिमा पर महाराष्ट्र सरकार ने 2.36 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
CM शिंदे बोले- आने वाले चुनाव में जनता MVA वालों को जूतों से पीटेगी
शिवाजी महाराज हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं हो सकते। यह हमारे लिए पहचान और आस्था का मामला है। जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण थी। विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है। कर्नाटक में शिवाजी महाराज की मूर्ति तोड़ने के लिए दो जेसीबी लाई गई थी। उस मूर्ति को उखाड़ दिया गया था। ऐसा करने वालों की पिटाई होनी चाहिए थी। ऐसा करने के बजाय MVA यहां विरोध कर रही है, लेकिन महाराष्ट्र की जनता समझदार है। जनता यह देख रही है। आने वाले चुनाव में महाराष्ट्र की जनता उन्हें जूतों से पीटेगी।
पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कुछ MVA कार्यकर्ताओं को रोका
मुंबई पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कुछ MVA कार्यकर्ताओं को बैरिकेड लगाकर रोका। इस दौरान MVA कार्यकर्ताओं की पुलिस से बहस भी हुई।
MVA के प्रदर्शन की परमिशन नहीं, मुंबई में सिक्योरिटी टाइट
मुंबई पुलिस ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को विरोध-प्रदर्शन के लिए शनिवार देर शाम तक अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद भी विपक्ष मार्च निकाल रहा है। विपक्ष के प्रदर्शन को देखते हुए मुंबई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। गेटवे ऑफ इंडिया पर टूरिस्ट के आने-जाने पर रोक लगाई गई है।
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