Team India’s Transition : अपनी टीम चाहते हैं गौतम गंभीर लेकिन क्या ऐसा होगा?

Gautam Gambhir IND vs AUS :
बदलाव के दौर में नई टीम तैयार करना कभी आसान नहीं होता और विशेष कर तब जबकि अपने करियर के अंतिम पड़ाव में चल रहे कुछ स्टार खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम का हिस्सा हों। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी इसी दुविधा में फंसे हुए हैं।
रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की शुरुआत हो गई है।
अश्विन ने भले ही यह फैसला स्वयं किया लेकिन भारतीय क्रिकेट की समझ रखने वाला कोई भी व्यक्ति यह कह सकता है कि वाशिंगटन सुंदर को उन पर प्राथमिकता देने के गंभीर के फैसले ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई।
गंभीर ने यह फैसला तब लिया जबकि कप्तान रोहित शर्मा पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए पर्थ में नहीं थे। अश्विन के संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम में अब चार बड़े खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी रह गए हैं।
शमी वर्तमान श्रृंखला में नहीं खेल रहे हैं लेकिन उनके लिए टीम में वापसी करना अब पहले जैसा आसान नहीं होगा।
बदलाव का यह दौर राहुल द्रविड़ के मुख्य कोच रहते हुए शुरू हो गया था लेकिन उनके सामने गंभीर जैसी चुनौती नहीं थी। द्रविड़ ने इशांत शर्मा और रिदिमान साहा को बता दिया था कि अब टीम में उनके लिए जगह नहीं है।
इशांत और साहा अनुभवी खिलाड़ी थे लेकिन वह कोहली, रोहित, जडेजा और शमी जैसे स्टार नहीं थे।
अब निश्चित तौर पर सीनियर खिलाड़ियों पर नजर है विशेष कर रोहित और विराट पर जो वर्तमान में रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं।
गंभीर पर भी नजर रहेगी क्योंकि उनके मुख्य कोच बनने के बाद भारत ने जो आठ टेस्ट मैच खेले हैं उनमें से चार मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा जबकि उसने तीन मैच जीते और एक मैच ड्रॉ रहा। यह पूर्व सलामी बल्लेबाज इस तरह की शुरुआत की उम्मीद नहीं रहा था।
बदलाव के इस दौर में भारतीय टीम और उसके मुख्य कोच के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। अगर भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाता है तो क्या गंभीर की मुख्य कोच के रूप में स्थिति अस्थिर हो जाएगी। अभी इसका जवाब ना है।
अगर भारत अगले साल के शुरू में चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीत पाता है तो क्या गंभीर की स्थिति अस्थिर हो जाएगी। इसका जवाब भी ना होगा।
सबसे बड़ा सवाल आया है कि क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड गंभीर को अपनी टीम तैयार करने के लिए पूरी छूट देगा जिसमें जसप्रीत बुमराह टेस्ट टीम के संभावित कप्तान होंगे। अभी तुरंत नहीं ऐसा होगा लेकिन इसमें बहुत अधिक समय भी नहीं लगेगा।
रोहित ने 2013 में छठे नंबर पर अपना टेस्ट डेब्यू किया था और शतक जड़ा था।
शास्त्री ने पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में अब तक दो अर्धशतक जड़ने के बाद चौथे टेस्ट में सलामी बल्लेबाज के रूप में राहुल का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ब्रिसबेन टेस्ट में रोहित से पारी का आगाज करने के लिए कहता। लेकिन जिस तरह से राहुल ने बल्लेबाजी की, उसे देखना मजेदार था। वह जिस तरह से वह बल्लेबाजी कर रहा है, मुझे लगता है कि उसने शानदार शुरुआत की है। ’’
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि राहुल इस समय फॉर्म में हैं और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।
शास्त्री ने कहा, ‘‘जिस तरह से वह गेंद छोड़ रहे हैं, जिस तरह से गेंद को बल्ले पर आने दे रहे हैं, बेहतर कवर ड्राइव खेल रहे हैं, वह शानदार हैं। इसलिए मुझे लगता है कि जब इतने आत्मविश्वास से भरे हैं तो इसे ऐसे ही रहने देना चाहिए। ’’
इसे भी पढ़े :-MG Cyberster:आ रही है धांसू इलेक्ट्रिक स्पोर्ट कार, 580KM की रेंज… महज 3.2 सेकंड में रफ्तार