Delhi Breaking news: भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने का ज्ञापन दिया था. ज्ञापन में दिल्ली सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की गयी. राष्ट्रपति सचिवालय ने भाजपा के ज्ञापन को गृह सचिव के पास विचार के लिए भेजते हुए दिल्ली में चल रहे ‘संवैधानिक संकट’ पर उचित फैसला लेने को कहा है.
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Delhi: अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए भरपूर मौका दिया. दिल्ली और पंजाब में वोटिंग के एक दिन पहले तक केजरीवाल अपने समर्थकों से अपील करते रहे कि उन्हें जेल से बाहर निकालना है तो आम आदमी पार्टी को वोट करें. पर दिल्ली की जनता ने उनकी एक न सुनी. दिल्ली की कुल सात सीटों पर कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद आम आदमी पार्टी को एक भी सीट हासिल करने में सफल साबित नहीं हुई. मतलब साफ था कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कार्यों से संतुष्ट नहीं है. पर दिल्ली की राजनीति अलग है.
दिल्ली हमेशा से लोकसभा और विधानसभा में अलग तरीके से वोट करती रही है. 2019 के चुनावों में भी आम आदमी पार्टी साफ हो गई थी. पर 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी का पत्ता साफ कर दिया था. इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि अरविंद केजरीवाल सरकार की बर्खास्तगी दिल्ली की जनता के बीच उनके लिए हमदर्दी का कारण बनेगा.
भाजपा नेता सरदार आरपी सिंह ने बताया कि अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और दिल्ली सरकार की कैबिनेट की बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। ऐसे में लोगों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं, इसीलिए दिल्ली में सरकार को भंग कर तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार से लगातार पश्चिम बंगाल और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन इसके बाद भी केंद्र सरकार इस तरह का कोई कदम नहीं उठा रही है। इसका क्या कारण हो सकता है? भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन में लगभग 90 बार विभिन्न सरकारें बर्खास्त की हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अब तक किसी भी सरकार पर कठोर कार्रवाई नही की है। लेकिन दिल्ली की स्थिति को देखते हुए अब यहां की सरकार को भंग करना आवश्यक हो गया है।
केजरीवाल को जो अब तक नहीं मिला वो मिल जाएगा
2024 लोकसभा चुनावों के वक्त भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में ही थे. तमाम ऐसी संभावनाएं जताईं गईं कि अरविंद केजरीवाल के जेल में होने से आम आदमी पार्टी को सहानुभूति वाले वोट मिलेंगे. पर ऐसा नहीं हुआ . अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए भरपूर मौका दिया. दिल्ली और पंजाब में वोटिंग के एक दिन पहले तक केजरीवाल अपने समर्थकों से अपील करते रहे कि उन्हें जेल से बाहर निकालना है तो आम आदमी पार्टी को वोट करें. पर दिल्ली की जनता ने उनकी एक न सुनी. दिल्ली की कुल सात सीटों पर कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद आम आदमी पार्टी को एक भी सीट हासिल करने में सफल साबित नहीं हुई.
मतलब साफ था कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कार्यों से संतुष्ट नहीं है.
विधायकों ने लिखा था पत्र
बता दें कि 30 अगस्त को दिल्ली विधानसभा के विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता समेत कई बीजेपी नेताओं ने दिल्ली सरकार को लेकर एक पत्र लिखा था। इस पत्र में दिल्ली सरकार की व्यवस्थाओं और आर्थिक संकट का जिक्र किया गया था। बीजेपी विधायकों की शिकायतों पर राष्ट्रपति ने भी संज्ञान लिया है। राष्ट्रपति ने शिकायकतों का यह पत्र गृह मंत्रालय को भेजते हुए इस पर विचार करने की बात कही है।
गृह मंत्रालय करेगा विचार
राष्ट्रपति के इस एक कदम से देश में सियासी भूचाल आ गया है। इस पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने “APP सरकार” को बर्खास्त करने की मांग की है। पत्र में शराब नीती से लेकर जल बोर्ड में वित्तीय समस्या समेत कई मुद्दों की बात की है। अब देखना होगा कि गृह मंत्रालय इस पर क्या जवाब देता है? अगर गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति शासन के लिए हामी भरी तो मुमकिन है कि दिल्ली में प्रेजिडेंट रूल लगा दिया जाएगा।