Eating outside means giving entry to terrorists in the body…. डॉक्टर सरीन ने फास्ट फूड को बताया खतरनाक
एजेंडा आजतक के ‘दिल, जिगर, जान’ सेशन में जाने-माने लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस. के. सरीन ने भारत में बढ़ते फास्ट फूड ट्रेंड को खतरनाक बताया. उन्होंने कहा कि बाहर के खाने को शरीर में एंट्री देने का मतलब कुछ ऐसा है जैसे आप किसी आतंकवादी को अपनी बॉडी में एंट्री दे रहे हों.
पिछले कुछ सालों में भारत में लोगों का खाने-पीने का ट्रेंड तेजी से बदला है. लोग घर का खाना कम और बाहर का ज्यादा खाने लगे हैं. खासकर युवा घर में खाना बनाने की बजाए रेस्त्रां, कैफे और फूड प्वॉइंट्स पर निर्भर हो रहे हैं. एजेंडा आजतक के ‘दिल, जिगर, जान’ सेशन में जाने-माने लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस. के. सरीन शामिल हुए और उन्होंने इस भारत में तेजी से बढ़ रहे इस ट्रेंड पर कहा कि बाहर के खाने को शरीर में एंट्री देने का मतलब कुछ ऐसा है जैसे आप किसी आतंकवादी को अपनी बॉडी में एंट्री दे रहे हों.
शनिवार को दिल्ली के ली मेरिडियन होटेल में हुए एजेंडा आजतक 2024 के दूसरे दिन ‘दिल, जिगर, जान’ सेशन में जाने-माने लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस. के. सरीन और मेदांता हॉस्पिटल के अध्यक्ष और मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर नरेश त्रेहान शामिल हुए थे जहां उन्होंने भारतीयों की हेल्थ, डाइट और लाइफस्टाइल समेत कई मुद्दों पर बात की.
क्या खाते हैं जाने-माने डॉक्टर
ऑडियंस में बैठी एक महिला ने जब दोनों हेल्थ एक्सपर्ट्स से पूछा कि आप क्या खाते हैं तो इस पर डॉक्टर ने एस. के. सरीन ने जवाब दिया, ‘मैं वन मील ए डे पर भरोसा करता हूं. मैं पूरे दिन में एक बार खाता हूं. उसमें पूरा रॉ खाना होता है. जैसे में स्प्राउ्टस खाता हूं, पपीता खाता हूं जिसके साथ योगर्ट होता है. सुबह के बाद सीधे मैं सिर्फ रात में खाता हूं. रात में भी मैं सात या आठ बजे से पहले-पहले खा लेता हूं. रात के खाने में भी सबकुछ घर का सादा खाना होता है. जब भी मैं बाहर जाता हूं तो आप विश्वास करें कि मैं घर में पहले अपना खाना खाता हूं और फिर बाहर जाता हूं.’
पेट में डाल रहे आतंकवादी
उन्होंने कहा, ‘बाहर का खाना इंफ्लेमेशन (सूजन-जो हार्ट, फेफड़े और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है) करता है. बाहर क्या खा रहे हो. कैसे बना है. मुझे इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए कि आप टेरेरिस्ट (आतंकवादी) को अपनी बॉडी के अंदर डाल रहे हो. खाना किसने बनाया है, आपको पता ही नहीं है फिर भी आप प्लेट भर-भरकर खा रहे हो. तो मेरी डाइट बिलकुल सिंपल-पीसफुल होती है. मैं शराब और तंबाकू का सेवन बिलकुल नहीं करता हूं.’
यही सवाल जब डॉक्टर त्रेहान से किया गया कि आप क्या खाते हैं तो इस पर उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘मैं तो सबकुछ खाता हूं लेकिन लिमिट में. मेरा फॉर्मूला है कि मैं सुबह 6 बजे उठता हूं, एक्सरसाइज करता हूं 20 से 25 मिनट. 8 से 8.30 तक ऑफिस आ जाता हूं. मैं पूरे दिन काम करता हूं. शाम 6.30 तक घर आता हूं. योग और कसरत करता हूं. मैं रोजाना वेट लेता हूं. अगर मेरा कुछ ग्राम वजन भी बढ़ा होता है तो मैं मील स्किप करता हूं.’
खाने की चीजों का स्ट्रेस खतरनाक
वो कहते हैं, ‘मेरा फंडा है कि जीवन में सभी कुछ करना चाहिए लेकिन मॉर्डेशन में करना चाहिए. मॉर्डेशन जिंदगी में जरूरी है. मैं ये नहीं कहता कि ये नहीं वो नहीं खाना. लेकिन लिमिट में खाना है. एक छोटा सा जलेबी का पीस आपको नहीं मार सकता लेकिन ज्यादा खाना हानिकारक है. खासकर ये नहीं खाना…वो नहीं खाना पर 5 से 10 मिनट तक सोचना और स्ट्रेस लेना आपको जरूर मार सकता है.लेकिन मैं आपको ये भी बता दूं कि मैं यहां जंक फूड खाने की सलाह नहीं दे रहा हूं ‘
इसे भी पढ़े :-Ustad Zakir Hussain Passed Away: