Independence Day: 15 अगस्त 1947 के दिन पहली बार भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले के लाहौर गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था । ब्रिटिश का शासन काल खत्म होने के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित कर दिया गया जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ था । देश की आजादी में सविनय अवज्ञा आंदोलन भी महत्वपूर्ण हिस्सा रखता है जिसका नेतृत्व महात्मा गांधी के द्वारा किया जा रहा था । इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। भारत की जनगणना 1951 के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए।
आज स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) का दिन हम भारतवासी बड़े ही धूमधाम के साथ बिताते हैं सभी स्कूल– कॉलेजों आदि में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। भारतीय सेना अपने अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन करती है और परेड किया जाता है ।

इतिहास
ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने कहा था कि 30 जून 1948 से पहले भारत को आजाद कर दिया जाएगा एवं भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 3 जून 1947 को ऐलान किया था कि 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दे दी जाएगी । इसके बाद 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हो गया । अपनी जान की परवाह तक ना करते हुए भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, सूर्य सेन, राम प्रसाद बिस्मिल, बटुकेश्वर दत्त और उधम सिंह जैसे कई क्रांतिकारी ने देश को स्वतंत्र करवाने में अपना जीवन न्योछावर कर दिया ।
भारत की संविधान सभा ने नई दिल्ली में संविधान हॉल में 14 अगस्त को 11 बजे अपने पांचवें सत्र की बैठक की। सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की। इस सत्र में जवाहर लाल नेहरू ने भारत की आजादी की घोषणा करते हुए ट्रिस्ट विद डेस्टिनी नामक भाषण दिया।
सभा के सदस्यों ने औपचारिक रूप से देश की सेवा करने की शपथ ली। इस संग्राम स्वतंत्रता में सभी भारतवासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था जिसमें महिलाएं एवं बुजुर्ग सभी शामिल थे । महिलाओं के एक समूह ने भारत की महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया व औपचारिक रूप से विधानसभा को राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया। आधिकारिक समारोह नई दिल्ली में हुए जिसके बाद भारत एक स्वतंत्र देश बन गया। नेहरू ने प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण किया, और वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने पहले गवर्नर जनरल के रूप में अपना पदभार संभाला।
15 अगस्त 1947 को सुबह 11:00 बजे संघटक सभा ने भारत की स्वतंत्रता (Independence) का समारोह आरंभ किया, जिसमें अधिकारों का हस्तांतरण किया गया। जैसे ही मध्यरात्रि की घड़ी आई भारत ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की और एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।
यह बात तो हम सभी भारतवासी अच्छे से जानते हैं की आजादी के पूर्व हमारा जीवन कितना ज्यादा कष्ट से भरा हुआ था हम ब्रिटिश शासन के बोझ तले दबे हुए थे । अपने ही जीवन को अपने हिसाब से जी पाना हमारे लिए एक स्वप्न मात्र ही था, लेकिन भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का ही देन है कि आज हम अपना जीवन खुल कर जी पा रहे हैं ।
संविधान
डॉ भीमराव अंबेडकर के द्वारा भारत का संविधान लिखा गया था एवं भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था । जानकारी के अनुसार बता दे की लागू करने की तिथि 26 जनवरी इसलिए चुनी गई थी क्योंकि 1930 को इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था ।
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