बरसात में जहरीले सांप या बिच्छू काट लें, तो इन होमियोपैथिक दवाओं से करें बचाव
बरसात के मौसम में खास कर गाँवों में किसानों व अन्य लोगों का सामना अक्सर जहरीले सांप, बिच्छू, ततैया, मधुमक्खी आदि से होता है. अगर ये काट लें, तो जान पर बन आती है. सांप के काटने से तो हर साल कई लोगों की जान चली जाती है. कई ऐसी होमियोपैथिक दवाएं हैं, जो इन कीड़ों के काटने के बाद होने वाली परेशानियों से छुटकारा दिलाने में सक्षम हैं.
सांप के काटने पर: – click here
हमारे यहां सांपों की हजारों प्रजतियां हैं, लेकिन इनमें से मात्र चार-पांच ही जहरीली होती हैं, कई सांप काटने के नाम से ही भयभीत होकर लोग मर जाते हैं. सांप के काटे हुए स्थान पर एक-दो बिंदी के आकार का मार्क नजर आता है. वहां पर सूजन और लालीपन होगा. इसके बाद पूरे अंग में दर्द होने लगेगा. उसके बाद उल्टी आने लगेगी. हालांकि, यह उल्टी सांप के काटने के कारण भी हो सकती है और भय के कारण भी हो सकती है. ऐसी स्थिती में होमियोपैथिक दवा NAJA TRIPUDIANS 200CH में तीन बार 10-10 मिनट के अंतराल में देने से व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है, लेकिन इसके अलावा व्यक्ति को जल्द-से-जल्द निकट के अस्पताल जरूर लेकर जाएं.
बिच्छू के काटने पर
बिच्छू के काटने पर भी बहुत तेज दर्द होता है, इसके साथ सूजन व जलन होती है. दर्द चुभन की तरह होता है. उल्टी व मतली भी होने लगती है. कुछ लोगों को सांस लेने में भी कठिनाई हो सकती है. सबसे पहले होमियोपैथिक दवा Silicea 200CH की दो बूंद लें. इसके बादACONITUM NAP-30CH’ LEDUM PAL 30CH’ HYPERICUM PERF 30CH’ SCOPION 30CH इन चारों दवाओं को एक साथ मिला कर आधे-आधे घंटे पर पांच-पांच बूंद लेने से रोगी जल्द ठीक हो जाता है.
मधुमक्खी या ततैया के काटने पर
मधुमक्खी या तेतैया, बरैया के काटने की जगह पर सूजन हो जाती है. डंक लगने की तरह दर्द होता है. किसी-किसी को सांस लेने में कठिनाई भी होने लगली है. यह काफी खतरनाक स्थिति होती है. ऐसे में आप होमियोपैथिक दवा ले लें, तो काफी राहत मिल जाती है. इसमें LEDUMPAL 200 CH और APIS MEL 200 CH में लेने से लाभ मिलेगा.
नोट- ऐसी किसी भी स्थिति में उपरोक्त दवाइयों के इस्तेमाल के बावजूद व्यक्ति को जल्द-से-जल्द निकट के अस्पताल जरूर लेकर जाएं.