Raksha Bandhan ( Rakhi ) 15 august 2024 :- भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार Raksha Bandhan ( Rakhi ) का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे Rakhi कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। Raksha Bandhan ( Rakhi ) में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है। रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। रक्षाबंधन के दिन भाई अपने बहन को राखी के बदले कुछ उपहार देते है।
हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक अनुष्ठानों में रक्षासूत्र बाँधते समय कर्मकाण्डी पण्डित या आचार्य संस्कृत में एक श्लोक का उच्चारण करते हैं, जिसमें Raksha Bandhan ( Rakhi ) का सम्बन्ध राजा बलि से स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है (यह श्लोक Raksha Bandhan ( Rakhi ) का अभीष्ट मन्त्र -)-
येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ॥
इस श्लोक का हिन्दी भावार्थ है- “जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बाँधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुझे बाँधता हूँ। हे रक्षे (राखी)! तुम अडिग रहना (तू अपने संकल्प से कभी भी विचलित न हो।)”
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इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कई शुभ संयोगों में पड़ा है. रक्षाबंधन के दिन सावन सोमवार है और श्रावण पूर्णिमा भी है. रक्षाबंधन पर ये दो महत्वपूर्ण व्रत हैं. इस बार रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन पर 7 घंटे 39 मिनट तक भद्रा का साया है. वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में रक्षाबंधन मनाते हैं, उसमें भी खासकर भद्रा का साया न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हैं. राखी बांधने के लिए भद्रा रहित शुभ मुहूर्त का विचार करना उत्तम रहता है. भद्रा अशुभ है, उस समय में आप जो काम करते हैं, उसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बता रहे हैं रक्षाबंधन पर राखी बांधने का सही समय क्या है?
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रक्षाबंधन का मुहूर्त 2024
सावन पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ: 19 अगस्त, सोमवार, 3:04 AM से
सावन पूर्णिमा तिथि का समापन: 19 अगस्त, सोमवार, 11:55 PM पर
तिथि के आधार पर 19 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाना उचित है.
19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का सही समय दोपहर में ही है. उस दिन बहनें अपने भाई को दोपहर में 1 बजकर 32 मिनट से रात 9 बजकर 8 मिनट के बीच कभी भी राखी बांध सकती हैं.
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राखी बांधने के लिए ये 2 समय हैं वर्जित
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बांधने के लिए दो समय का सर्वथा त्याग करते हैं. पहला है भद्रा और दूसरा है राहुकाल. इन दोनों समय में कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए. ये दोनों की अशुभ हैं. रक्षाबंधन के दिन राहुकाल सुबह में 07:31 am से 09:08 pm तक है.
रक्षाबंधन पर सावन सोमवार-श्रावण पूर्णिमा का संयोग
इस साल रक्षाबंधन के दिन सावन का अंतिम सोमवार है और श्रावण पूर्णिमा का व्रत, स्नान एवं दान भी है. इस दिन सावन माह का समापन हो जाएगा. सावन के अंतिम दिन सोमवार को आप भगवान भोलेनाथ की पूजा करें. वहीं श्रावण पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
Happy rakhi